द लीन स्टार्टअप (The lean Startup)

द लीन स्टार्टअप (The lean Startup)

द लीन स्टार्टअप (The lean Startup)

यदि आप एक नया व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं, तो आपको एक सफल व्यवसाय का रहस्य जानना चाहिए। आज आप लीन स्टार्टअप के बारे में जानेंगे और यदि आप इसे अपने व्यवसाय में लागू करते हैं तो आपके व्यापार में तेजी से वृद्धि होगी। यह 'Eric Ries' की एक पुस्तक "द लीन स्टार्टअप" से लिया गया है। लीन स्टार्टअप प्रयोग है और इसका मुख्य लक्ष्य गलतियों से सीखना और इसमें सुधार करना है। लीन स्टार्टअप के 5 मूल विचार हैं।
लीन स्टार्ट अप मेथड में 5 इम्पोर्टेट आईडियाज है ।
  1. इन्टरप्रीनयर are Everywhere
  2.  मेनेजमेंट
  3.  वेलिडेट लर्निंग
  4.  बिल्ट- मेज्योर- लर्न
  5.  प्रोग्रेस 
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  इन्टरप्रीनयर are Everywhere
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ये ज़रूरी नहीं है कि कोई भी नया बिजनेस आप गैराज से ही शुरू करे । इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहाँ से शुरू करते है जब आपने इन्टरप्रीनयर बनने की ठान ही ली है । एक स्टार्ट अप में पहले से आप कुछ भी प्रडीक्ट नही कर पाते कोई भी ओर्गेनाइजेशन जो नया सर्विस या प्रोडक्ट शुरू करता है वो उसका स्टार्ट अप होता है जब उसे उसके चलने या ना चलने का कोई पक्का भरोसा नहीं होता । लीन स्टार्टअप हर इंडस्ट्री , हर सेक्टर और साइज़ की कंपनी पर अप्लाई हो सकता है।

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मेनेजमेंट
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जब आप स्टार्ट अप की बात करते है तो इसका मतलब सिर्फ प्रोडक्ट से नहीं है । उस प्रोडक्ट को बनाने वाले लोग भी स्टार्ट अप में शामिल होते है । और उन लोगो या उस इंस्टिट्यूट को अच्छें से मैनेज करने की ज़रुरत होती है क्योंकि वे उस स्टार्ट अप के बारे में बेहद अन सर्टेन है ।

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  वेलिडेट लर्निंग
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 ईसका मतलब है ऐसे एक्सपेरिमेंट जो बिजनेस में किये जाते है ये जानने के लिए कि उन एक्सपेरिमेंट का नतीजा बिजनेस के ऊपर कैसा पड़ेगा। ये उसी तरह है जैसे कोई साईनीटिफिक हयपोथेसिस होती है और ये एक तरह से ज़रूरी भी है क्योंकि बिजनेस लम्बा टिके यही स्टार्ट अप का गोल होता है । ये सिर्फ कुछ टाइम के लिए प्रॉफिट कमाना नहीं है । 

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  बिल्ट- मेज्योर- लर्न
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बिल्ट- मेज्योर- लर्न किसी भी स्टार्ट अप के प्राइमरी टास्क होते है आइडीयाज़ से नए प्रोडक्ट बनाना , कस्टमर का फीडबैक measure करना और उस फीडबैक से सीखना कि ये चीज़ आगे चलेगी कि नहीं । यानी टू पिवट आर प्रिजर्व । 
पिवट ( PIVOT ) से मतलब है कि मुड़े और कोई दूसरा तरीका सोचे और प्रजीरव ( PERSEVERE ) का मतलब कि अपने आइडिया को लेकर आगे बड़े और चलते रहे । अगर फीडबैक अच्छा नहीं मिलता तो फिर आपको कोई दूसरा रास्ता लेना पड़ेगा और अगर फीडबैक अच्छा मिलता है तो फिर आगे चलते रहिये ।

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  प्रोग्रेस ( PROGRESS )
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आपको  स्टार्टअप को बिल्ड - मेज़र - लर्न साइकिल के हिसाब से चलने की आदत होनी चाहिए । फीडबैक मिलते ही इसे अपनी कमीयों पर काम कर लेना चाहिए । एक सस्टेनेबल बिजनेस अचीव करने के लिए अपने किस प्रोसेस पर आगे बढना है ये स्टार्ट अप को पता होना चाहिए ।

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बेहतर समझने के लिए इसे देखें :--
द लीन स्टार्टअप

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